जीवन-धरा
यु नाखुस होकर चले
उनके दर से
आप मिले तबियत बदल गई !
अतीत के पन्नो में
सिमट गई थी जिन्दगी
उनके दर से
आप मिले तबियत बदल गई !
अतीत के पन्नो में
सिमट गई थी जिन्दगी
आप बढ़कर हाथ रख दिए
मेरे हाथो पे
मैंने महसूस की जिन्दगी बदल गई !
दुनिया की भीड़ में
खो गई थी रूह मेरी
आप मेरे साथ आये
जान आ गई !
जीवन भर गया सप्त्रंगों से
यु आप जीवन में आये
जीवन की धरा बदल गई !
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